प्रमुख नदी परियोजनाएं
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दामोदर घटी परियोजना:-
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दामोदर नदी में विकसित स्वतंत्र भारत की "प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना"
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इस योजना को अमेरिका की "टिनेसी योजना" के माडल के आधार पर बनाया गया.
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दामोदर नदी को पहले बंगाल का शोक कहा जाता था.
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इस परियोजना के तहत " तिलैया बांध, कोनार बांध, मैथन बांध, पंचेत बांध और दुर्गापुर बैराज का निर्माण किया गया है.
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इसका उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई एवं विद्युत् उत्पादन है.
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इसका मुख्या लाभ झारखण्ड और प.बंगाल राज्यों की मिलता है.
➖2 .
कोसी परियोजना:-
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बिहार का शोक मानी जाने वाली कोसी नदी पर भारत और नेपाल की संयुक्त परियोजना.
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कोसी नदी में निर्मल "हनुमान नगर बैराज" से नहर निकाली गई है.
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इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण है और बिहार-नेपाल के लिया लाभदायी योजना है.
➖3 .
गंडक परियोजना :-
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यह भारत-नेपाल के बीच गंगा की सहायक गंडक नदी पर बनी है.
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इसका उद्देश्य सिचाई व विद्युत् उत्पादन है.
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इससे नेपाल, बिहार, और उत्तर प्रदेश को लाभ होता है.
➖4 .
हीराकुंड बांध परियोजना:-
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उड़ीसा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर महानदी में बना भारत का यह सबसे लम्बा बाँध (4.8 कि.मी.) है.
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महानदी के डेल्टा क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण के लिए इस योजना को प्रारंभ किया गया.
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सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, और विद्युत् उत्पादन इसके मुख्य उद्देश्य है.
➖5 .
तुंगभद्रा नदी परियोजना:-
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तुंगभद्रा नदी पर स्थित कर्नाटक और आंध्र प्रदेश कि संयुक्त परियोजना,
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सिंचाई और विद्युत् उत्पादन इसके मुख्य उद्देश्य है.
➖6 .
नागार्जुन सागर परियोजना:-
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आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी पर बनी इस परियोजना का नामकरण प्रसिध्द बौध्द संत नागार्जुन के नाम से किया गया.
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इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत् उत्पादन है.
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इससे लाभान्वित राज्य कर्नाटक और आंध्र प्रदेश है.
➖7 .
भाखड़ा-नांगल परियोजना:-
• पंजाब में सतलुज नदी में स्थित भारत की सबसे बड़ी बहु-उद्देशीय परियोजना है.
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भूकंपीय क्षेत्र में स्थित यह विश्व का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है.
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इस बाँध के पीछे बनी झील का नाम गोविन्द सागर है जो की सिखों के
10वे गुरु गोविन्द सिंह के नाम से है.
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इसकी सहायक इंदिरा गाँधी परियोजना के तहत राजस्थान तक इंदिरा नहर का विकास किया गया है. जो की भारत की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है .
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इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत् उत्पादन है.
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पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा इससे लाभान्वित होने वाले राज्य है.
➖8 .
थीन बाँध परियोजना (जमनालाल बजाज सागर):-
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पंजाब में रावी नदी पर स्थित परियोजना.
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सिंचाई एवं विद्युत् उत्पादन मुख्य उद्देश्य
➖9 .
चम्बल घाटी परियोजना :-
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चम्बल नदी में स्थित मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की संयुक्त परियोजना,
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इस योजना के तहत मध्य प्रदेश में गाँधी सागर और राजस्थान में राणा प्रताप सागर, जवाहर सागरएवं कोटा बैराज बांधों का निर्माण किया गया है.
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इसका मुख्य उद्देश्य मृदा संरक्षण , सिंचाई एवं विद्युत् उत्पादन है.
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इससे लाभान्वित राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान है.
➖10 .
नर्मदा घाटी परियोजना :-
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इसके तहत 5 बड़े बांधों का निर्माण किया गया है. रानी अवन्ती सागर (बरगी बाँध), इंदिरा सागर, सरदार सरोवर बाँध, महेश्वर बाँध, ओम्कारेश्वर बाँध.
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इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई, जल-विद्युत् उत्पादन और मृदा संरक्षण है.
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सरदार सरोवर बाँध मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व राजस्थान की संयुक्त परियोजना है.
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मेघा पाटकर द्वारा "नर्मदा बचाओ आन्दोलन" उल्लेखनीय है.
Sunday, 12 April 2015
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